देवताओं में भगवान शिव के बाद बजरंगी बली ही ऐसे देवता हैं, जो अपने भक्तों पर अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं. छोटे-छोटे उपायों व मंत्रों से हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं. सच्चे मन से श्रद्धापूर्वक की गई पूजा कभी बेकार नहीं जाती. ऐसे ही उपायों में से एक है हनुमत कवच. इसमें अपार शक्ति है साथ ही अद्भुत फलदायी है. हम आपको बता दें कि इसे खुद भगवान श्रीराम ने रचा है. इतना ही नहीं, इस हनुमत कवच का पाठ प्रभु श्रीराम ने स्वयं रावण से युद्ध करते समय किया था.
इस कवच का पूर्ण लाभ से जीवन के सभी शोक मिट जाते है, अत: इसे शोकनाशं भी पुकारा जाता है. साथ ही जीवन में जो भी कष्ट होते हैं, वो कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाते हैं. व्यक्ति के जीवन में अचानक खुशियां आ जाती हैं. वह हर तरह से सम्पन्न हो जाता है.
मूल मन्त्र :-
श्री हनुमंते नम:
इस मंत्र का उच्चारण 108 बार रुद्राक्ष की माला के साथ सच्चे मन से करें और यह उपासना संपन्न होने के बाद अपने शोक निवारण के लिए हनुमानजी से विनती करें. इसके बाद हनुमानजी को चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ावें. साथ में यदि हनुमानजी को चोला और जनेऊ पहना सकें, तो और भी उत्तम है.
भय नाश करने के लिए हनुमान मंत्र : हं हनुमंते नम:
प्रेत भुत बाधा दूर करने के लिए मंत्र : हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:. अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते..
द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्.
मनोकामना पूर्ण करवाने के लिए मानता : महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये..
संकट दूर करने का मंत्र : ऊँ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
कर्ज मुक्ति के मंत्र : ऊँ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा.