मानव जीवन में हर बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान निश्चित है। ऐसी कोई भी समस्या नहीं है, जिसका कोई समाधान ही न हो। लेकिन मानव अपने जीवन में चल रही कई समस्याओं से परेशान रहता है और उसे उसके हल के लिए कोई उपाय नहीं सूझता। अगर आप भी अपने जीवन में चल रही समस्याओं से परेशान है, तो रोजाना सुबह सूर्य देवता को अर्ध्य देना शुरू कर दें, लेकिन इस बात का ध्यान रखें की जब भी आप सूर्य देवता को अर्ध्य दे तो पूरे विधि-विधान के साथ ही दें, तब ही आपको इसका उचित फल मिलेगा। तो चलिए जानते हैं आखिर कैसे सूर्य देव को पूरे विधि-विधान से अर्ध्य देना चाहिए?
सर्वप्रथम ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद अगर हो सके तो लाल रंग के कपड़े धारण कर एक तांबे का लोटा लें। उसमें जल भरें और फिर इस जल में चुटकी भर रोली डालकर या फिर लाल चंदन और एक फूल डालकर सूर्य देव के सामने खड़े होकर लोटे को दोनों हाथों से पकड़कर अपने सिर के ऊपर से सूर्यदेव को अर्ध्य दें। और इस समय सुर्यदेव के मंत्रों का जाप करें और 7 बार अर्ध्य दें।
ध्यान रहे कि सूर्य की रौशनी जल की धारा से आपके शरीर पर पड़े, इसके बाद धूप, दीप से सूर्यदेव का पूजन करें और सूर्यदेव की कृपा के लिए हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।
ये गलतियाँ बिलकुल न करें...
सूर्य देव की पूजा कभी भी बिना नहाये न करें। सूर्य को अर्ध्य देते समय जल में गुड़ और चीनी नहीं मिलाएं बल्कि पुष्प और रोली डालकर अर्ध्य दें।कभी भी अर्ध्य देते समय स्टील, चांदी, कांच या फिर प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग न करें सिर्फ तांबे के बर्तनों का प्रयोग करें। सूर्य देव की पूजा करते समय सूर्य देव के 12 नामों का उच्चारण अवश्य करें।
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