नई दिल्ली : खबर है कि रियल एस्टेट सेक्टर भी अब जल्द ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाएगा.इससे पहले 10 नवंबर को हुई काउंसिल की 23वीं बैठक में इस बारे में पावर पॉइंट प्रजेंटेशन दिया गया था लेकिन इस पर चर्चा नहीं हुई थी.
उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल की 18 जनवरी को नई दिल्ली में बैठक आयोजित की गई जहाँ इस मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है.इस बैठक में राज्य इस पर चर्चा करेंगे. फिलहाल केंद्र ने राज्यों को जो विकल्प बताए हैं उसके तहत रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने के बाद भी स्टाम्प ड्यूटी और प्रॉपर्टी टैक्स को यथावत रखा जा सकता है.जबकि बिल्डिंग सैस को जीएसटी में ही शामिल किया जा सकता है.
जीएसटी मामलों के विशेषज्ञों की मानें तो जीएसटी लागू होने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में कथित काले धन पर लगाम लगाई जा सकेगी. वहीं इससे केंद्र और राज्य सरकारों को अधिक राजस्व मिलेगा. जबकि इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा से बंदरगाह, हवाई अड्डे और होटल जैसे व्यवसायों को भी लाभ मिलेगा. यदि रियल एस्टेट सेक्टर को जीएसटी में ले लिया तो जल्द हो पेट्रोलियम पदार्थों को भी इसमें शामिल किया जाएगा.
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