पटना. निजी स्कूलों ने पैसे कमाने का नया तरीका इजात किया है. यहाँ फी के नाम पर मनमाने पैसे वसूले जा रहे है. अभिभावकों को कहीं साल में एक बार सत्र के आरंभ में रि-एडमिशन फीस देना पड़ता है, तो कहीं महीने की अंतिम तिथि तक विलंब शुल्क के साथ फीस जमा नहीं करने पर रि-एडमिशन के नाम पर अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ता है. कुल मिला कर स्कूलों की मनमानी पर अंकुश नहीं है.
पटना के ज्ञान निकेतन गर्ल्स हाई स्कूल में हाल ही में एक मामला प्रकाश आया था, जब एक अभिभावक को रि-एडमिशन फीस के साथ मंथली फीस जमा करना पडा. स्कूल की फीस बुक पर संबंधित नियमों का उल्लेख है कि महीने की 15 तारीख तक फीस जमा नहीं करने पर 10 रुपये प्रतिदिन लेट फीस के साथ 30 अथवा 31 तारीख फीस जमा किया जा सकता है.
गांधी मैदान के निकटस्थ संत क्राइस्ट ड्यूससन स्कूल में भी मौजूदा सत्र के आरंभ में रि-एडमिशन फीस लिये जाने का मामला प्रकाश में आया था. इसे लेकर अभिभावकों ने आंदोलनात्मक रुख अपनाया था. इतना ही नहीं यदि लेट फाइन के साथ भी फीस जमा नहीं कर सके, तो रि-एडमिशन फीस के साथ मंथली फीस भी भुगतान करना होगा.
एक अभिभावक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कुछ परेशानियां थीं, इस कारण जुलाई माह में फीस जमा नहीं कर सके. अगस्त में फीस जमा की. तब 600 रुपये रि-एडमिशन फीस के साथ 2200 रुपये जमा करना पड़ा. दूसरी ओर अभिभावक संघ इस बार नये सत्र में फीस वृद्धि अथवा रि-एडमिशन फीस लिये जाने का विरोध करने की तैयारी में है. संघ के संजीव कुमार पाठक ने कहा कि इस बार स्कूलों में फीस वृद्धि की जाती है, तो संघ इसका विरोध करेगा. इसके अलावा इस बार स्कूलों में रि-एडमिशन का भी विरोध किया जायेगा. इसके लिए अभिभावक एकजुट हो रहे हैं.
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