एक बड़े निर्णय के बाद केंद्र सरकार की 'एडॉप्ट ए हेरिटेज' स्कीम के तहत लाल किला देश की ऐसी पहली ऐतिहासिक इमारत बन गया है जिसे किसी प्रायवेट कंपनी ने गोद लिया है. लालकिले को डालमिया ग्रुप ने 5 साल के कॉन्ट्रेक्ट पर गोद लिया है जिसके लिए कागजी कार्यवाही 9 अप्रैल को कर ली गई है. एडॉप्ट ए हेरीटेज' स्कीम के तहत केंद्र सरकार ने बीते साल सितंबर महीने में एक योजना लांच की थी. पूरे देश की सौ ऐतिहासिक इमारतों को इसके लिए चिन्हित किया गया था.
इन इमारतों में ताजमहल, कांगड़ा फोर्ट, कोणार्क का सूर्य मंदिर और सती घाट कई प्रमुख स्थल शामिल हैं.इसके साथ ही डालमिया ग्रुप भी ऐसा पहला कॉरपोरेट हाउस बन गया जिसने देश के किसी ऐतिहासिक स्थल को कॉन्ट्रेक्ट पर गोद लिया है. डालमिया ग्रुप को पांच साल के लिए लालकिले को गोद दिया गया है. डालमिया ग्रुप, पर्यटन मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व विभाग के बीच इस कॉन्ट्रेक्ट पर 9 अप्रैल को हस्ताक्षर हुए थे.
इस कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक डालमिया ग्रुप को 6 महीने के भीतर लाल किले में बेसिक सुविधाएं देनी होंगी, जिनमें पीने के पानी की सुविधा, स्ट्रीट फर्नीचर जैसी सुविधाएं हैं. इसके लिए ग्रुप ने सरकार को 25 करोड़ रुपए दिए हैं. अब लाल किले के रखरखाव की जिम्मेदारी डालमिया ग्रुप की होगी. डालमिया ग्रुप ने ये कॉट्रेक्ट इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर को हराकर जीता है.
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