नहाना वैसे तो हमारे अच्छा माना जाता है जिससे हम भी साफ़ सुधरे रहते हैं और हम में कोई बीमारी भी नहीं होती. पूरी दुनिया ही नहाती है, शायद ही ऐसा कोई होगा जो नहीं नहाता होगा. जी हाँ, आप भी ऐसे किसी को नहीं जानते होंगे जो नहीं नहाता होगा. लेकिन आज हम आपको ऐसी जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जायेंगे कि ये ऐसा कर कैसे सकते हैं.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं अफ्रीका के नॉर्थ-वेस्ट नामीबिया के कुनैन प्रांत की जहाँ पर हिम्बा जनजाति के लोग रहते हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि यहां की महिलाएं अपने पुरे जीवन में सिर्फ एक ही बार नहाती हैं. जी हाँ, सही सुन रहे हैं आप उन्हें पानी का इस्तेमाल करना मना होता है. ये महिलाएं जीवन में एक बार नहाती है वो भी उनके शादी होती है तब. नहाने के साथ साथ वो कपडे भी नहीं धो सकती. बीना नहाये भी वो महिलएं खुद को फ्रेश और ताज़ा रखती हैं.
इस जनजाति की महिलाएं सबसे अलग होती हैं यहाँ तक की उनका रंग भी लाल होता है. आपको बता दे, नहाने के लिए ये महिलाएं खास जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करती हैं. इन्हे पानी में उबाल कर उसके धुंए से अपनी बॉडी को फ्रेश रखती हैं ताकि उनसे बदबू ना आए. इसकी खुशबू से इनकी बॉडी कभी ना नहाने के बाद भी फ्रेश लगती है. इतना ही नहीं ये महिलाएं अपनी बॉडी को धुप से भी बचाती हैं और उसके लिए एक खास लोशन का इस्तेमाल करती हैं. यह लोशन जानवर की चर्बी और हेमाटाइट (लोहे की तरह एक खनिज तत्व) की धूल से तैयार किया जाता है और इसी के कारण उनका रंग भी लाल होता है.
ये लोशन उन्हें कीड़े मकोड़ों से भी बचाता है और साथ ही लाल रंग से ये सभी पुरुषों से अलग भी दिखती हैं इसलिये ये खुद को लाल बनाये रखती हैं. इन्हे रेड मैन भी कहा जाता है. वाकई ये महिलाएं हमसे भी कई कदम आगे हैं. लेकिन जो भी हो हमे तो नहाना ही अच्छा लगता है.