कठिन दौर से गुजर रहे भारत के दूर संचार क्षेत्र में रिलायंस जियो के आक्रामक ढंग से प्रवेश किए जाने का जिक्र आर्थिक सर्वेक्षण में किया गया है.जिसमे कहा गया है कि रिलायंस जियो के कारण अन्य कंपनियों का घाटा और कर्ज दोनों बढ़ रहा है.
इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि राजस्व घटा है और स्पेक्ट्रम की कीमत अतार्किक हो गई है. उल्लेखनीय है कि आर्थिक सर्वे में कहा गया कि इस सेक्टर में नई दाखिल होने वाली कंपनी रिलायंस जियो के लो-डेटा कॉस्ट ने बाजार को हिला दिया है जिसके कारण प्रतिस्पर्धी कंपनियों के राजस्व में बड़ी गिरावट आई है. इससे निवेशकों का भरोसा भी प्रभावित हुआ है.
गौरतलब है कि सितंबर, 2016 में बाजार में आई कंपनी रिलायंस जियो ने मुफ्त डेटा और वॉइस कॉल्स ने प्रतिस्पर्धी कंपनियों को डेटा रेट्स में बड़ी कटौती करने पर मजबूर कर दिया है. बता दें कि दिसंबर 2017 तक जियो के 16 करोड़ सबस्क्राइबर्स हो गए हैं. जियो के सस्ते प्लान्स के कारण देश की दिग्गज टेलिकॉम कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर आदि को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है. पूरे बाजार में अपना रुतबा कायम करने के लिए जियो का ग्राहकों को अतिरिक्त सुविधाएं देने का क्रम जारी है.
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