उज्जैन। साहित्यकार स्व. डॉ. भूरालाल जीनवाल द्वारा लिखित 'मालवी लोकसाहित्य एवं कला परंपरा पुस्तक का विमोचन बुधवार को देवास रोड स्थित शिवहरे केमेस्ट्री क्लासेस में हुआ। इस अवसर पर दक्षिण विधायक डॉ. मोहन यादव, महंत रामनाथजी गादीपति भर्तृहरी गुफा, डॉ. अवधेश पुरीजी महाराज, डॉ. हरिमोहन बुधौलिया पूर्व आचार्य हिन्दी विक्रम विश्वविद्याालय उज्जैन, आचार्य शैलेन्द्र पाराशर, डॉ. अंबेडकर पीठ वि.वि. एवं अन्य साहित्यकार उपस्थित थे।
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता मालवी लोक कवि एवं साहित्यकार डॉ. शिव चौरसिया, डॉ. क्षमा सिसौदिया, डॉ. रत्ना कुशवाह द्वारा पुस्तक की समीक्षा की। समीक्षकों ने पुस्तक को मालवी लोक साहित्य के क्षेत्र में एक अनोखी पहल / योगदान होना बताया गया। इस अवसर पर श्रीमती मोतीयादेवी जीनवाल, दिनेश जीनवाल, परिवेश जीनवाल, राजेश जीनवाल, गरिमा जीनवाल, चंचल जीनवाल, प्रखर जीनवाल, लोकेश जीनवाल, निकिता जीनवाल, भव्य जीनवाल, हर्षल जीनवाल, भारत बैण्डवाल, बिहारीलाल बैण्डवाल, दीपेश बैण्डवाल, श्यामसुन्दर बैण्डवाल, रामदयाल जीनवाल, गंगाधर जीनवाल, शंकरलाल जीनवाल, कन्हैयालाल जीनवाल, सोहनलाल लोदवाल, हुकुमचन्द्र गंगवाल एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
इस अवसर पर पार्षद प्रेमलता बैण्डवाल, उर्मिला जीनवाल, सुनिता जीनवाल, सरिता जीनवाल भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर मोहन परमार (पत्रकार) ने श्रीमती मोतियादेवी जीनवाल का शॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. क्षमा सिसौदिया द्वारा किया गया। आभार गंगाधर जीनवाल द्वारा व्यक्त किया गया।
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