नई दिल्ली : इन दिनों प्रमुख उद्योगपति अनिल अम्बानी के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं . कर्ज के कारण वित्तीय संकट से जूझ रहे अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने बलार्ड एस्टेट स्थित अपने कॉरपोरेट हेडक्वॉर्टर 'रिलायंस सेंटर' को खाली करने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ, कि अब बैंगलुरु के विजया बैंक ने अनिल अंबानी समूह की रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग के ऋण खाते को एनपीए घोषित कर दिया.
उल्लेखनीय है कि पहले यह कंपनी पीपावाव डिफैस एंड आफशोर इंजीनियरिंग के नाम से जानी जाती थी , जिसका अनिल अंबानी ग्रुप ने 2016 में अधिग्रहण कर इसका रिलायंस डिफैंस एंड इंजीनियरिंग नाम रखा था.इस कंपनी पर आई.डी.बी.आई. के नेतृत्व वाले बैंकों के गठजोड़ का 9,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज बाकी है.
इस बारे में बेंगलूरू के विजया बैंक ने बताया कि रिजर्व बैंक द्वारा 12 फरवरी को किए गए नियमों के बदलाव के बाद यह कदम उठाना जरुरी था.केंद्रीय बैंक ने एन.पी.ए. निपटान के लिए जो नियम बनाए हैं उसमें बैंकों को एक दिन की चूक को भी डिफ़ॉल्ट मानने को कहा है . यही नहीं ऋणकर्ता द्वारा यदि 180 दिन में इसका भुगतान नहीं होता है तो मामले को दिवाला प्रक्रिया के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एन.सी.एल.टी.) के पास भेजने के निर्देश दिए गए हैं .
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