अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बंदिशें जरूरी है- रस्किन बॉन्ड
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बंदिशें जरूरी है- रस्किन बॉन्ड
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अंग्रेजी के मशहूर भारतीय साहित्यकार रस्किन बॉन्ड इन दिनों अपने बयान को लेकर सुर्खियों में है. उनका कहना है कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को स्वच्छंद और बिना शर्त नहीं होना चाहिए. उस पर कुछ बंदिशें भी जरूरी है. इसके अलावा उन्होंने फिल्म 'पद्मावत' से जुड़े एक सवाल पर कहा कि, "मुझे नहीं लगता कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बिना किसी शर्त का स्वेच्छाचारी होना चाहिए. हमें अपने आपको इस देश में रहने के लिए भाग्यशाली मानना चाहिए. दुनिया में रहने के लिए भारत से बेहतर कोई जगह नहीं है. मुझे नहीं लगता मैं विएतनाम, बांग्लादेश, सीरिया, चीन या लेबनान में रहना चाहूंगा."

ख़ास बात यह है कि, रस्किन बॉन्ड बच्चों का लिटरेचर लिखने के लिए काफी मशहूर हैं. बता दे कि, बॉन्ड को 1992 में 'Our Trees Still Grow in Dehra' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था. इसके अलावा उन्हें 1999 में पद्मश्री और 2014 में उन्हें पद्मभूषण दिया गया.

जानकारी के लिए बता दे कि, स्किन बॉण्ड की कई कहानियों पर फिल्में बन चुकी हैं. शशी कपूर की फ़िल्म 'जूनून' 1857 की स्वतंत्रता की लड़ाई की घटना पर है, यह उनकी कहानी 'A Flight of Pigeons' (कबूतरों की उड़ान) पर आधारित है. इसके अलावा प्रियंका चोपड़ा के द्वारा अभिनीत की गयी फ़िल्म 'सात खून माफ', उनकी शॉर्ट कहानी 'Susanna's Seven Husbands' पर बनायी गयी है.

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