कोलकाता : भारतीय वायु सेना के दो विमानों मिग -21 और मिग -27 के रिटायर होने पर उन्हें विदाई दी गई. दुश्मनों के छक्के छुड़ा देने वाले मिग-27 एमएल बहादुर विमान ने पश्चिम बंगाल के हासिमारा एयर बेस से आज अंतिम बार उड़ान भरी. 30 सालों तक अपनी सेवा देने वाले लड़ाकू विमान को इस बेडे़ से रिटायर कर दिया गया. वहीं मिग-21 विमान को भी आज विदाई दी गई.
आपको बता दें कि राजस्थान के नाल स्थित वायुसेना स्टेशन से मिग-21 एयरक्राफ्ट ने अपनी आखिरी उड़ान भरी. वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ को मिग-21 एयरक्राफ्ट को आखिरी बार उड़ाने का गौरव हासिल हुआ. वायुसेना प्रमुख धनोआ 28 दिसंबर से तीन दिवसीय राजस्थान के दौरे पर हैं.वहीं मिग-27 एमएल बहादुर विमान ने पश्चिम बंगाल के हासिमारा एयर बेस से आज आखिरी बार उड़ान भरी. इसे स्क्वाड्रन प्रमुख ग्रुप कैप्टन एसएल महाजन ने आखिरी एमएल विमान को अंतिम बार उड़ाया.
उल्लेखनीय है कि मिग-27 एमएल को भारत में बहादुर का नाम दिया गया था. रक्षा प्रवक्ता के शुक्रवार को जारी बयान अनुसार इस विमान ने तीन दशक तक देश की उल्लेखनीय सेवा की. इसका रिकार्ड बहुत ही शानदार रहा. रूस में निर्मित इस विमान का इंजन सबसे शक्तिशाली इंजनों में से एक था.कारगिल युद्ध में इस विमान ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी. मिग 21 और मिग 27 विमानों को 60 और 70 के दशक में रूस से खरीदा गया था.वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि सरकार 36 राफेल जेट विमानों के लिए फ्रांस के साथ चल रही बातचीत जल्द ही पूरी होगी.
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