नई दिल्ली: बुधवार को हुई रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एम.पी.सी.) की बैठक के विवरण के अनुसार तेल कीमतों, मकान किराया भत्ते (एच.आर.ए.) और बजट में राजकोषीय चूक के कारण महंगाई बढऩे का खतरा बना हुआ है.
गौरतलब है कि इस महीने आर.बी.आई. ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को यथावत रखा .दरअसल रेपो रेट केन्द्रीय बैंक की प्रमुख नीतिगत दर होती है जिस पर वह वाणिज्यिक बैंकों को लघु अवधि का ऋण उपलब्ध करवाता है. रिजर्व बैंक ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि व विविध घरेलू कारणों से रेपो रेट को 6 प्रतिशत पर स्थिर रखा.
बता दें कि रिजर्व बैंक की ओर से जारी बैठक के विवरण में बताया गया है कि आर.बी.आई. गवर्नर उर्जित पटेल ने माना किआर्थिक सुधार अभी आरंभिक चरण में है, इसलिए इस स्तर पर सावधानी रखने की आवश्यकता है.इसलिए रेपो रेट स्थिर रखा गया है .केन्द्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.1 और आगामी वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में 5.1 से 5.6 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जताया है. स्मरण रहे कि इन दिनों तेल की कीमतों के बढ़ने से वाहन चालकों को ईंधन में ज्यादा खर्च करना पड़ा. हालाँकि पिछले दो दिनों से ईंधन की कीमतों में कमी देखी जा रही है.
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