नई दिल्ली. प्रमुख वित्तीय सेवा प्रदाता मोर्गन स्टेनली का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अतिरिक्त पूंजी डालने की सरकार की योजना से भारतीय रुपया मजबूत होगा. मोर्गन स्टेनली की एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार रीकैपिटलाइजेशन से निजी क्षेत्र फिर से पूंजीगत खर्च करना शुरू करेगा. घरेलू शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों की रुचि बढ़ेगी. मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक, मजबूत ग्रोथ और भारतीय रुपए का शेयर बाजारों के साथ अंतर्संबंध इसे और आगे मजबूत करने में मदद करेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद लंबे समय तक कमजोर रहे ऋण बाजार में वृद्धि सुधार आने के बाद पूंजी डालने की योजना बैंकों की उनकी गैर-निष्पादित आस्तियों या फंसे हुए कर्ज से निपटने में मदद करेगी. साथ ही नए ऋण देने में भी सहायता करेगी. इससे भारत में निजी क्षेत्र के पूंजीगत निवेश को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक इस घोषणा का राजकोषीय घाटे और महंगाई पर असर पड़ने की आशंका नहीं है. इकोनॉमिक ग्रोथ के मानकों पर सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है. मॉर्गन स्टैनली ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत की विकास दर का अपना अनुमान बढ़ाकर 7.5 फीसदी कर दिया है. वहीं, रुपया डॉलर के मुकाबले 65 रुपए के आस-पास बना हुआ है.
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