रेलवे अपनी खस्ता हालत को लेकर निंदा से घिरा हुआ है. ऊपर से वह अपनी स्थिति में सुधार को लेकर कोशिशें कर रहा है तो इसमे भी बाधाएं आ रही है. वहीं सरकारी कंपनियों की हालत भी इतनी बुरी है कि वे अपनी संस्थाओं के मांग की ही आपूर्ति सुनिश्चित नहीं कर पा रही है.
दरअसल रेलवे ने स्टील अथारटी ऑफ इंडिया (सेल) को 16 लाख टन लोहे का ऑडर दिया है, जिसमें सेल को अगले 1 वर्ष में 12 लाख टन लोहे की सप्लाई सुनिश्चित करनी है.मगर सेल ने कोयले की कमी की बात कह रेलवे की मांग को पूरा करने असमर्थता जताई है.
सेल अधिकारियों ने स्टील मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह को जानकारी दी कि वे रेलवे को 9.5 लाख टन से ज्यादा की सप्लाई नहीं कर सकते हैं. इसपर मंत्री महोदय ने सेल के शीर्ष अधिकारियों और उसके पांचो प्लांट प्रमुखों को कड़ी फटकार लगाई. फटकार मिलाने के बाद सेल ने मंत्री को कोयले की कमी का हवाला देते हुए आपूर्ति में असमर्थता जताई है. देश में कोयले की कमी का आलम तब है जब उद्योगों के नाम पर देश के तमाम कोल खदानों की निलामी की जा चुकी है.
सेंसेक्स ने लगाई छलांग 435 अंकों पर हुआ बंद
सड़क वाले बयान पर शिवराज की हुई किरकिरी
आईडीएफसी बैंक पर लगाया दो करोड रुपये का जुर्माना