नई दिल्ली. शादी या फिर किसी बड़े समारोह में बैंड-बाजों के साथ जश्न न मनाया जाए ऐसा तो हो ही नहीं सकता. लेकिन अब दिल्ली में किसी भी शादी या अन्य बड़े समारोह के मौके पर मोटल और फार्म हाउस को कई तरह की सावधानियां बरतनी होगी. जी हाँ... ना तो अब सड़कों पर बारात निकाली जा सकेगी और ना ही लोग बैंड बाजों की आवाज पर खुलेआम मस्ती में झूम सकेंगे. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि हैरानी वाली बात तो ये है कि अपनी ही शादी में दूल्हा अब बग्घी पर सवार होकर सड़क पर नहीं चल सकता है.
एम् जे अकबर के इस्तीफे से उजागर हुआ बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा- आप
हाल ही में दक्षिणी निगम की ओर से मोटल और फार्म हाउस को नियमित करने संबंधी नीति में इन शर्तों को शामिल किया गया है. इस नई नीति को जाम की समस्या से बचने के लिए लागू किया है. इस नीति के अंतर्गत अब सड़क पर लोगों को अपने हिसाब से जश्न मनाने की पूरी छूट नहीं मिल सकेगी. इसके साथ ही शादी या अन्य किसी बड़े समारोह के दौरान गानों की तेज धुन पर भी लोग रात में सिर्फ 10 बजे तक ही झूम सकेंगे. इस दौरान गानों की वॉल्यूम भी स्टैण्डर्ड होगी.
2019 की शुरुआत इतनी धमाकेदार करेगी एमजी मोटर्स, हिन्दुस्तान में लॉन्च होगी पहली एसयूवी
रेग्यूलराइजेशन संबंधी नीति के मुताबिक, वाहनों की सड़क पर पार्किंग भी नहीं की जा सकेगी. अब से सभी परिसर के मालिकों को परिसर के अंदर ही गाड़ी रखने के इंतजाम करने होंगे. इतना ही नहीं अगर किसी ने इन शर्तो को उल्लंघन किया तो उस संपत्ति के मालिक को 5 लाख से 15 लाख तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. अगर एक ही गलती चार बार हुई तो फिर उसका लाइसेंस दो साल तक के लिए निलंबित हो जाएगा. इसके साथ ही हर शादी में सड़क पर बग्घी नहीं जा सकेगी. दूल्हा केवल समारोह स्थल के अंदर जाकर ही बग्घी पर सवार हो सकेगा. समारोह स्थल में अब लेजर लाइट इस्तेमाल नहीं होगा और किसी भी वीआईपी, वीवीआईपी के आगमन से पहले अनुमति जरूरी होगी. इस नीति को भी अब हरी झंडी मिल गई है और इसमें शामिल होने वाली सभी शर्तो से अब मोटल मालिकों और जनता का सिरदर्द भी बढ़ सकता है.
सबरीमाला के पट खुले लेकिन कोई भी महिला नहीं कर पाई दर्शन