लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले अखिलेश यादव ने एक साक्षात्कार में कई बड़ी बाते कहीं हैं. कई राजनीतक पंडित ये कयास लगा रहे हैं कि 11 मार्च के बाद अगर बहुमत नहीं मिला तो सरकार बनाने के लिए सपा-बसपा गठबंधन कर इतिहास दोहरा सकते हैं. लेकिन अखिलेश यादव ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. अखिलेश ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि 11 मार्च के बाद जरूरत पड़ने पर भी गठबंधन का कोई विचार नहीं है.
गौरतलब है कि 1993 में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए सपा और बसपा ने मिलकर सरकार बनाई थी. इसलिए कई राजनीतिक विशेषज्ञ इस बार भी ये कयास लगा रहे हैं कि पूर्ण बहुमत न मिलने पर सरकार बनाने के लिए सपा-बसपा एक साथ आ सकते हैं.इस बात को नकारते हुए अखिलेश यादव ने बड़ी बेबाकी से कहा कि 11 तारीख से पहले कोई बात नहीं करनी चाहिए.हम पूर्ण बहुमत से आ रहे हैं. इसलिए मैं ये बात सोचता ही नही हूं. फिर भी अगर ऐसी कोई जरूरत पड़ ही गई तो भी हमारा किसी से गठबंधन का कोई विचार नहीं है. गठबंधन नहीं करूंगा.
उधर, चुनाव के बाद विदेश जाने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कियह राजनीतिक संस्कृति अभी अपने यहां नहीं आई है.बीजेपी के पीएम खूब विदेश जाते हैं.तो हम भी कहीं ना कहीं छुट्टी मनाएंगे. फिलहाल जगह तय नहीं है. उन्होंने अपने पूरे परिवार को अपने धौलपुर (राजस्थान) के पुराने स्कूल ले जाने की इच्छा जरूर जाहिर की.2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान डिंपल यादव के मजबूत राजनेता की तरह उभरकर सामने आने पर राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी राजनीतिक क्षमताओं के बारे में शायद अखिलेश भी अंजान थे.जबकि अपनी बदली राजनीतिकभूमिका पर डिम्पल ने कहा कि मुझे जो काम पार्टी ने दिया है , वह मैं कर रही हूँ.
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