नई दिल्ली : यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुये अब बसपा की नजर ब्राह्मण वोटों पर आ गई है और उसने अपना दांव खेला है। भले ही राज्य में ब्राह्मण वोटों का प्रतिशत ग्यारह तक ही सीमित हो लेकिन राजनीतिक दल इन वोटों को किसी भी हालत में छोड़ना नहीं चाहते है। ब्राह्मणों को आकर्षित करने का काम बसपा ने करना शुरू कर दिया है।
बसपा नेता सतीश मिश्रा ने यह कहा है कि उनकी पार्टी ब्राह्मणों के साथ है तथा उनके हर दुःख दर्द को बांटना चाहती है। मिश्रा ने ब्राह्मणों से एकजुट होने की भी अपील की है। गौरतलब है कि मिश्रा, बसपा में ब्राह्मणों का प्रतिनिधित्व करते है तथा अब पार्टी उनके माध्यम से ही ब्राह्मणों को अपनी ओर खींचने का काम करने लगी है। मालूम हो कि कांग्रेस ने भी राज्य में ब्राह्मण कार्ड खेलते हुये शीला दीक्षित को बतौर मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया है।
मायावती को सत्ता की चाह
बसपा सुप्रीमो किसी भी हालत में यूपी की सत्ता को हांसिल करना चाहती है। इसलिये उन्होंने दलित वोटों के साथ ही ब्राह्मणों को भी साधना शुरू किया है। मायावती यह अच्छी तरह से समझती है कि दलित वोट ही उसे कुर्सी तक नहीं पहुंचा सकते है।