सदाबहार छोटा झाड़ीनुमा पौधा है. इसके गोल पत्ते थोड़ी लम्बाई लिए अंडाकार व अत्यंत चमकदार व चिकने होते हैं. एक बार पौधा जमने पर उसके आसपास अन्य पौधे अपने आप उगते जाते हैं. सदाबहार की पत्तियों में विनिकरस्टीन नामक क्षारीय पदार्थ होता है जो कैंसर, विशेषकर रक्त कैंसर में बहुत उपयोगी होता है.
1-आधे कप गरम पानी में सदाबहार के तीन ताज़े गुलाबी फूल 05 मिनिट तक भिगोकर रखें . उसके बाद फूल निकाल दें और यह पानी सुबह ख़ाली पेट पियें . यह प्रयोग 08 से 10 दिन तक करें . अपनी शुगर की जाँच कराएँ यदि कम आती है तो एक सप्ताह बाद यह प्रयोग पुनः दोहराएँ .
2-त्वचा पर घाव या फोड़े-फुंसी हो जाने पर इसकी पत्तियों का रस दूध में मिला कर लगाए .
3-घाव होने पर इसकी पत्तियों को तोड़े जाने पर जो दूध निकलता है, उसे पर लगाने से किसी तरह का इन्फेक्शन नहीं होता है.स्किन पर खुजली होने पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है.
4-सदाबहार के पौधे की जड़ का इस्तेमाल सांप बिच्छू या किसी अन्य प्रकार का ज़हर दूर करने के लिए किया जा सकता है.
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