नई दिल्ली : आज का दिन जो लोगों के जहन से अब तक नहीं मिट सका उसी जख्म को ताज़ा करने का एक और मामला सामने आया है. यूपी के बांदा में छेड़छाड़ से परेशान एक छात्रा ने आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. पुलिस की ढील-पोल और लचर रवैया देख कर छात्रा को मौत को गले लगाना पड़ा. जानकारी के मुताबिक एक बदमाश द्वारा उसके पीछा किये जाने और छेड़छाड़ किये जाने की शिकायत पर जब पुलिस ने कोई भी कार्यवाई नहीं की, तो छात्रा ने इन सब से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया.
16 दिसंबर की वो काली रात जिसे शायद भुला पाना किसी के लिए आसान नहीं होगा. 16 दिसंबर को दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था जिससे दिल्ली ही नहीं बल्कि समूचा देश सिहर उठा था और लोग आक्रोश से भरे सड़कों पर उतर आये थे. सरकार ने भी इस मामले के चलते फ़ास्ट ट्रैक का गठन किया और महिलाओं को सुरक्षा के प्रति कई कड़े नियम क़ानून बनाये. लेकिन क्या सिर्फ क़ानून बन जाने से सब कुछ सही हो जायेगा? कानून बनाने के साथ-साथ उस पर अमल करना भी जरूरी है लेकिन देश की लचर पुलिस व्यवस्था इस बात का सबूत पेश करती है की महिलाओं की स्थिति जो उस वक़्त थी वही आज है.
यूपी के बांदा जिले के अतर्रा थाना क्षेत्र में ग्रेजुएशन कर रही छात्रा को एक बदमाश लगभग 10 दिनों से परेशान कर रहा था. इस मामले में छात्रा के पिता ने थाने के 10 दिनों तक चक्कर काटे लेकिन कोई सुनवाई न होने के कारण परेशान युवती ने आखिरकार आत्महत्या जैसा कदम उठाया. इस पर युवती के पिता ने पुलिस पर आरोप लगते हुए कहा कि "पिछले 10 दिनों से हम लोग पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज कराने की कोशिश में लगे रहे, हम एक पुलिस थाने से दूसरे पुलिस थाने चक्कर लगाते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, किसी ने हमारी नहीं सुनीं."
मृतक छात्रा 21 वर्ष की थी और ग्रेजुएशन की पढाई कर रही थी. वहीं यूपी पुलिस का कहना है कि मृतक के पिता की शिकायत पर तीन युवकों के खिलाफ शिकायत दर्ज़ कर ली गयी है और उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया है. अब पुलिस तफ्तीश कर आगे की कार्यवाई करेगी.
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