साढ़े तीन साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले को 'वायलेंट सेक्शुअल अटैक' मानते हुए, दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा. पीड़िता आरोपी की भतीजी थी.
ट्रायल कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद आरोपी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी. यहाँ पुलिस ने एक विडियो रिकॉर्डिंग पेश की, जिसमे दोषी यह बोल रहा है कि बच्ची ने कहा कि वह अपनी मां को सबकुछ बताएगी, जिसकी वजह से उसने उसकी हत्या कर दी. जस्टिस प्रतिभा रानी और रेखा पाली की बेंच ने कहा कि पीड़ित बच्ची की चीख कोई नहीं सुन पाया होगा क्योंकि वारदात को एक सुनसान जंगल में अंजाम दिया गया था और वहीं पर हत्या कर उसके शव को फेंका गया था. बच्ची को बहुत पीटा गया था और हिंसक यौन व्यवहार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी.
इसलिए कोर्ट ने इसे 'वायलेंट सेक्शुअल अटैक' मानते हुए दोषी को कोई राहत नहीं दी और आईपीसी की धारा 376 (2) यानी, 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ रेप के इस मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई.
स्टेडियम में नॉर्थ ईस्ट की लड़कियों से छेड़छाड़