मुंबई : आज गुरूवार को देश भर में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर अभी भी विरोध के स्वर सुनाई दे रहे है। शिव सेना ने राज्य सरकार को यह सलाह दी है कि वह कोर्ट के आदेश को पलटने के लिये अध्यादेश लाये। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुये यह कहा था कि दही हांडी बांधने की सीमा अधिकतम 20 फुट हो, वहीं कोर्ट ने दही हांडी उत्सव में हिस्सा लेने वाली टोलियों में गोविंदा बनने वाले बच्चों पर भी रोक लगाई है।
कोर्ट ने यह कहा है कि गोविंदा बनने के लिये उम्र कम से कम 18 वर्ष से अधिक होना चाहिये। शिव सेना ने अपने मुख पत्र सामना में लिखा है कि हिंदुओं के त्योहारों पर इस तरह की रोक लगाना समझ से परे है। सामना में लिखी गई संपादकीय में कहा गया है कि सरकार को चाहिये कि वह प्राथमिकता से अध्यादेश लाये, ताकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को पलटा जा सके।
संपादकीय में उन राजनेताओं पर भी हमला बोला गया है, जो कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिये आगे आये है। संपादकीय में लिखा गया है कि अभी तक ये राजनेता आयोजक के रूप में परंपरगत रूप से ही दही हांडी का उत्सव मनाते रहे है, लेकिन अब ये ही आदेश का पालन करने में जुट गये है। सामना में सरकार से कहा गया है कि क्या यह उसके लिये संभव नहीं है कि वह परंपरागत आयोजन को बचाने के लिये अध्यादेश लाये।
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