नई दिल्ली: क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीतिक करियर एक सड़क विवाद में उलझता दिखाई दे रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए तीन बार के अमृतसर सांसद और पंजाब सरकार में वर्तमान कैबिनेट मंत्री सिद्धू के खिलाफ मंगलवार को अंतिम बहस की सुनवाई शुरू कर दी थी. जिसके बाद से ही सिद्धू के राजनीतिक करियर की उलटी गिनती शुरू हो गई है.
इस मामले में सिद्धू ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है, जिसमे सिद्धू ने दलील दी है कि पीड़ित की मौत उनके मारने से नहीं बल्कि दिल का दौरा पड़ने से हुई है. इससे पहले पूर्व क्रिकेटर सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी, लेकिन सिद्धू ने हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसके बाद कोर्ट ने उनके दोषी ठहराए जाने पर भी रोक लगा दी थी.
आपको बता दें कि यह मामला आज से 30 वर्ष पहले का है, जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू की कार पार्किंग को लेकर एक बुजुर्ग के साथ कहासुनी हो गई थी और बहस इतनी बढ़ गई थी बात हाथपाई तक पहुंच गई. इस घटना में बुजुर्ग गुरनाम के रिश्तेदार भी मौजूद थे जिन्होंने आरोप लगाया था कि नवजोत सिंह सिद्धू ने उन्हें चोट पहुंचाई थी जिसके बाद जब गुरनाम को अस्पताल ले जाया गया तो उनकी मौत हो गई.
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