शादी के समय दुनियाभर में कई तरह की रस्मे होती है. शादी कहीं भी हो किसी भी समाज में कई तरह कि रस्मो को निभाने के बाद ही पूरी होती है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है शादी से जुडी एक ऐसी रस्म के बारे में जो ना हो तो शादी मान्य नहीं है और ना ही शादी हो सकती है. जी दरअसल में हम बात कर रहे है शादी के दौरान होने वाले गठबंधन की जो सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. शादी के दौरान अगर गठबंधन ना हो तो शादी तो होने से रही. जब तक वर और वधु का गठबंधन ना हो तब तक शादी नहीं होती और हो भी तो वह मान्य नहीं है. ऐसे में कभी आपने सोचा है कि क्यों किया जाता है गठबंधन..?
अगर सोचा है और आपको जवाब नहीं पता तो आइए हम आपको बताते है क्यों किया जाता है गठबंधन.. दरअसल में गठबंधन एक परम्परा है जो सदियों से चली आ रही है बुजुर्गों का मानना है कि गठबंधन करते समय उसमे सिक्का, हल्दी, पुष्प, दूर्वा, चावल, आदि को मिलाकर गाँठ को बाँधा जाता है इसका मतलब ये होता है कि धन पर दोनों का अधिकार होगा, दोनों आपसी सहमति से धन खर्च करेंगे.
फूल का अर्थ होता है कि दोनों एक-दूसरे को देखकर हमेशा खुश रहेंगे. हल्दी मतलब दोनों एक दूसरे को बिमारी से दूर रखने के लिए सेवा करेंगे. दूर्वा मतलब दोनों का जीवन कभी मुरझाए ना. चावल मतलब सभी के प्रति सेवाभाव होगा और घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी.
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