दो दिनों से देश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केवल एक ही विषय अभी सबकी जुबान पर है और वो है, प्रणब मुखर्जी. जी हाँ देश के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रणब मुखर्जी हाल ही में आरएसएस के बुलावे के बाद चर्चा का विषय बने हुए है. प्रणब दा के भाषण के पहले जहाँ राजनीति गर्म दिखाई दे रही थी वहीं अब मामला कुछ ठंडा होता दिखाई दे रहा है, इस बीच ट्वीट के माध्यम से माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने प्रणब मुखर्जी के बारे में अपनी राय रखी.
In the "history capsule" delivered by Pranab Mukherjee at the RSS headquarters, the absence of Mahatma Gandhi and his assassination speaks volumes.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 7, 2018
सीताराम येचुरी ने अपने ट्वीट में कहा है कि प्रणब मुखर्जी ने हालाँकि काफी अच्छा भाषण दिया जैसी उनसे उम्मीद थी ठीक वैसा ही लेकिन प्रणब मुखर्जी अगर वहां जाकर आरएसएस के इतिहास का जिक्र करते तो ज्यादा अच्छा रहता. भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि हालांकि हमारा मानना है कि उन्हें आरएसएस के कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए था लेकिन प्रणब दा ने अपने भाषण में जो कुछ कहा, उनसे उसी की उम्मीद थीं.
He would have done well to remind the RSS of its own history - banned thrice by Congress governments, first time by Sardar Patel, following Mahatma Gandhi's assassination. "RSS men expressed joy and distributed sweets after Gandhiji’s death", Patel wrote to Golwalkar.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 7, 2018
सीताराम येचुरी ने ट्वीट में लिखा कि "उन्होंने अच्छा भाषण दिया, लेकिन आरएसएस को उसका इतिहास बताते तो अच्छा होता कि कांग्रेस सरकार ने आरएसएस को तीन बार बैन किया है. गांधी जी की हत्या के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आरएसएस को बैन किया है. बता दें, प्रणब मुखर्जी के आरएसएस मुख्यालय जाने को लेकर उनकी खुद की बेटी ने प्रणब मुखर्जी को मना किया था, हालाँकि प्रणब दा के भाषण के बाद सभी विरोधियों की बोलती अभी बंद है.
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