माँ काली की पूजा के खास नियम

माँ काली की पूजा के खास नियम
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माँ काली को शक्ति का प्रतीक माना जाता है.काली की उपासना का अलग ही महत्व है. काली की पूजा-उपासना से भय खत्म होता है. इनकी अर्चना से रोग मुक्त होते हैं. राहु और केतु की शांति के लिए मां काली की उपासना अचूक है. मां अपने भक्तों की रक्षा करके उनके शत्रुओं का नाश करती हैं. इनकी पूजा से तंत्र मन्त्र का असर खत्म हो जाता है.

काली की पूजा के नियम

दो तरीके से माँ काली की पूजा की जाती है, एक सामान्य और दूसरी तंत्र पूजा. सामान्य पूजा कोई भी कर सकता है, पर तंत्र पूजा बिना गुरू के संरक्षण और निर्देशों के नहीं की जा सकती. काली की उपासना सही समय मध्य रात्रि का होता है. इनकी पूजा में लाल और काली वस्तुओं का विशेष महत्व है. मां काली के मंत्र जाप से ज्यादा इनका ध्यान करना उपयुक्त होता है.

आपके शत्रु अगर आपको परेशान करते हों तो आप लाल कपड़े पहनकर लाल आसन पर बैठें मां काली के समक्ष दीपक और गुग्गल की धूप जलाएं. मां को प्रसाद में पेड़े और लौंग चढ़ाएं. इसके बाद 'ऊँ क्रीं कालिकायै नमः' का 11 माला जाप करके, शत्रु और मुकदमे से मुक्ति की प्रार्थना करें.मन्त्र जाप के बाद 15 मिनट तक पानी नहीं छुएं. यह अर्चना लगातार 27 रातों तक करें. ऐसी मान्यता है कि इन उपायों को करके आप मां काली का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.

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