काली माँ को काल की देवी कहा गया हैं ऐसा माना जाता है की काल उनके नियंत्रण में रहता हैं. इस साधना के इच्छुक लोगो को साधना के साथ साथ शक्ति चक्र पर त्राटक का भी अभ्यास करना चाहिए. ये साधना रविवार या फिर किसी भी दिन शुरू की जा सकती हैं इस साधना में साधक को काले वस्त्र ही धारण करने चाहिए.
1-इस साधना में महाकाली यन्त्र व काले हकीक माला की जरुरत रहती हैं साधना काल के के सभी नियम इस साधना में पालन करने चाहिए .
2-रात्रि में 11 बजे के बाद साधक स्नान कर के, काले वस्त्र धारण कर के काले उनी आसन पर बेठे. अपने सामने महाकाली का चित्र स्थापित हो. यन्त्र की सामान्य पूजा करे. दीपक और लोबान धूप जरुर लगाए.
फिर इस मन्त्र का जाप करे -
माला धारिणी दिगम्बरा
शत्रुसम्हारिणी विचित्ररूपा
महादेवी कालमुख स्तंभिनी
नमामितुभ्यम मात्रुस्वरूपा
3-इसके बाद साधना में सफलता के लिए महाकाली से प्राथना करे एवं निम्न लिखित मन्त्र का २१ माला जाप करे.
क्लीं क्लीं क्रीं महाकाली काल सिद्धिं क्लीं क्लीं क्रीं फट
4-11 दिन तक प्रति दिन100 माला जप करे . इसके बाद माला को 1 महीने तक धारण करे फिर इसे नदी में विसर्जित करदे. यन्त्र को पूजा स्थान में रखा जा सकता हैं.
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