आमतौर पर नट बोल्ट का उपयोग मशीनों को कसने और उनके पार्ट को जोड़ने में किया जाता है पर जब इन नट बोल्ट पर एक कलाकार की नज़र पड़ी तो उसने कुछ ऐसा बना डाला जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया.
दरअसल हम बात कर रहे हैं स्पेन के कलाकार मार्टी मोरेनो की जो अपनी कला को अलग रूप देने के लिए रोजमर्रा की चीजों का इस्तेमाल करते हैं. कलाकृति बनाने के लिए वे नट और बोल्ट या किसी और धातु से बनी चीज का इस्तेमाल करते हैं. यह इंसानी खोपड़ी है जो अधूरी है.
मूर्ति बनाने के पहले उसका मॉडल तैयार किया जाता है और लोहे के नट और बोल्ट के जरिए उसको आकार दिया जाता है. मूर्ति में जंग का एहसास देने के लिए उसे खास पेंट या तरल से रंगा जाता है. अनोखे कलाकार की ज्यादातर प्रदर्शनियां स्पेन के शहर वेलेंसिया के पास लगती है.
इंसानी जिस्म के हिस्से हजारों जंग लगे नट के इस्तेमाल से बनाए गए हैं. चेहरा और उसके हाव भाव दिखाने के लिए ग्रिल का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन मोरेनो अपनी कला को अधूरा ही छोड़ देते हैं. उनकी इंसानी आकृतियां पूरी नहीं होती लेकिन देखने वाले के जेहन में पूरी आकृति अनायास ही बन जाती है.
एक ढांचा तैयार करने में मोरेनो को 10,000 नट लगते हैं. वह शक्ल तैयार करने के लिए अलग अलग तरीके अपनाते हैं. एक मूर्ति पर उन्हें दो से चार महीने तक काम करना पड़ता है. इसके बाद उन्हें पेंट किया जाता है.
कहां से आया आइडिया
मोरेनो बताते हैं कि एक दिन उन्होंने अपनी वर्कशॉप में नट से भरा बक्सा देखा और उन्हें ढांचे में डाल दिया, "मैंने देखा कि यह तरीका तो बहुत अच्छा है." कलाकृति बनाने के लिए मोरेनो सबसे पहले लोगों की भावनाओं को कैमरे में कैद करते हैं. और उसके बाद लोहे की धातु के सहारे से अधूरी शक्ल देते हैं. मोरेनो आने वाले समय में बड़ी मूर्तियां बनाना चाहते हैं जिससे उन्हें बाहर खुले आसमान के नीचे रखा जा सके. खुली हवा में मूर्ति में जंग खुद बखुद लग जाएगा.
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