कानपुर: प्यार का पहला खत पहुंचाने के लिए पहचाने जाने वाले कबूतर अब बीमारी बांट रहे हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि यह बीमारी दिल की नहीं फेफड़े की है। बता दें कि ये बीमारी इतनी गंभीर है कि आपकी जान भी ले सकती है। वहीं ये हैरान करने वाले परिणाम देशभर में एक हजार रोगियों पर किए गए शोध में सामने आया है।
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वहीं बता दें कि पिछले दो वर्षों में इंटर स्टीसियल लंग्स डिजीज आइएलडी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। यह जानलेवा बीमारी है, जिसका अब तक कोई इलाज नहीं है, सिर्फ रोकथाम ही इसका बचाव है। वहीं बता दें कि अचानक बढ़े मामलों पर चेस्ट फिजीशियन और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने मंथन किया और आइएलडी से पीड़ित मरीजों पर अध्ययन करने का निर्णय लिया गया।
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गौरतलब है कि देशभर के एक हजार मरीजों पर विशेषज्ञों ने शोध किया। इसमें सामने आया कि बालकनी और आसपास डेरा जमाने वाले कबूतर दमा, एलर्जी, फेफड़े और श्वांस से संबंधित गंभीर बीमारियों की वजह बन रहे हैं। वहीं बता दें कि ये आगे चलकर आइएलडी बन जाती है। इसके साथ ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन एवं पूर्व प्राचार्य डॉ. एसके कटियार ने बताया कि प्रदूषण एवं कबूतरों की वजह से फेफड़ों की खतरनाक बीमारी आइएलडी हो रही है। इसकी रोकथाम संभव है, पूर्ण इलाज अभी उपलब्ध नहीं है।
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