छतरपुर: अगले वर्ष मार्च माह में आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षा के पहले शिक्षा मंडल द्वारा छात्रों को एक बड़ा तोहफा मिला हैं. नौवीं-दसवीं कक्षा में अध्ययनरत जिले के हजारों छात्र-छात्राओं के लिए यह बेहद सुखद खबर है. यदि, बच्चों को मुख्य परीक्षा के 6 विषयों में से 1 विषय में कम अंक आते हैं, तब भी वे बच्चे परीक्षा में उत्तीर्ण कहलायेंगे. उन्हें इसके लिए पूरक परीक्षा में सम्मिलित नही होना पड़ेगा. बाकी के 5 विषयों में अच्छे अंक मिलेंगे, उन्ही विषयों क अंको के आधार पर पर रिजल्ट तैयार होगा. और इससे वार्षिक परीक्षा परिणाम का प्रतिशत भी नहीं बिगड़ेगा.
इस नए नियम के बदलाव में सरकार की बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति बखूबी साथ निभाएंगी. शासन का यह नया नियम इसी सत्र से लागू कर दिया गया हैं. जिले में शिक्षा विभाग को राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल से पत्र मिल चुका है. वार्षिक परीक्षा देने वाले छात्र बखूबी इसका फायदा उठा सकेंगे. प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ पढाई में कमजोर बच्चों की समस्याओं को संवेदनशील स्थिति में लेते हुए बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति निकाल यह नियम बनाया है.
इस तरह समझें नया नियम..
उदाहरण के तौर पर 100 पूर्णांक पर 5 विषय के पेपर में 60-60 नंबर आते हैं और 1 में 40 नंबर आते हैं तो 5 विषयों के आधार पर रिजल्ट 60 प्रति. यानी प्रथम श्रेणी माना जाएगा. जबकि बीते शिक्षा सत्र के हिसाब से यह 56 प्रतिशत यानी द्वितीय श्रेणी का बनता.
व्यवस्था के संबंध में पत्र मिला है...
अगले साल होने वाली नौवीं-दसवीं परीक्षा में बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति से परिणाम तैयार होने की नई व्यवस्था के संबंध में हमें पत्र मिल चुका हैं. संभवत: इसी सत्र से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी. सभी संस्था प्रमुखों को इससे अवगत कराया जा रहा है. यह योजना कमजोर छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होगी. -जेएन चतुर्वेदी, सहायक संचालक.
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