दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली एक पीठ से केंन्द्रीय नौवहन मंत्रालय ने अपने एक हलफनामे में कहा कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से सेतुसमुद्रम परियोजना के खिलाफ दायर याचिका को रद्द किया जा सकता है. स्वामी ने शीप चैनल प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिका दायर करते हुए केंद्र को पौराणिक रामसेतु को हाथ न लगाने का निर्देश देने की अपील की थी.केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को आज सूचित किया कि वह 'राष्ट्र के हित में' अपने 'सेतुसमुद्रम शिप चैनल प्रोजेक्ट' के तहत पौराणिक रामसेतु को क्षति नहीं पहुंचाएगा.
इस बाबत स्वामी ने ट्वीट कर लिखा, 'मैं जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का रुख करूंगा ताकि वो केंद्र सरकार को राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने के लिए आदेश दे.' स्वामी ने ट्वीट कर कहा, 'आज सुप्रीम कोर्ट को सरकार ने बताया कि राम सेतु को छुआ नहीं जाएगा. मैंने 20 साल बाद अपने 2006 के डब्ल्यूपी नंबर 26 और 27 में स्थानांतरित सूचीबद्ध मामले में निष्कर्ष निकाल लिया है.'
मंत्रालय द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया, 'भारत सरकार राष्ट्र के हित में रामसेतु को बिना प्रभावित किए या नुकसान पहुंचाए 'सेतुसमुद्रम शिप चैनल प्रोजेक्ट' के पहले तय किए एलाइंमेंट के विकल्प खोजने को इच्छुक है.' केंद्र का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि केंद्र ने पहले दिए निर्देशों का अनुसरण करते हुए जवाब दाखिल की है और अब याचिका खारिज की जा सकती है.
राजीव गाँधी के हत्यारे की बेटी को इंग्लैंड में पढ़ाती हैं सोनिया : सुब्रमण्यम स्वामी
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