नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव नामांकन पत्र में उम्मीदवार के अलावा उसकी पत्नी एवं आश्रितों के आय के स्रोतों तथा संपत्तियों की जानकारी साझा करना अनिवार्य कर दिया है. चुनाव सुधार की दृष्टि से यह फैसला अच्छा है , लेकिन इसने उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ा दी है .
उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर एवं न्यायमूर्ति एस.ए. अब्दुल नजीर की पीठ ने गैर-सरकारी संगठन लोक प्रहरी की जनहित याचिका स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इसके लिए कानून में संशोधन की जरूरत होगी, उसे मंजूर नहीं किया जा सकता, क्योंकि कानून में संशोधन का कार्य संसद का है.बता दें कि सुनवाई के दौरान केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हलफनामा दायर कर शीर्ष अदालत को बताया कि आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक की संपत्ति अर्जित करने वाले कुछ सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ जांच की जा रही है.
आपको जानकारी दे दें कि लोक प्रहरी ने उम्मीदवारों की आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने के साथ ही उम्मीदवारों के अलावा उनकी पत्नियों और आश्रितों की आय के स्रोतों एवं संपत्तियों की जानकारी नामांकन पत्र में उपलब्ध कराने को अनिवार्य बनाने की मांग की थी .इस मामले में कोर्ट ने पूरी सुनवाई के बाद गत वर्ष 12 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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