नई दिल्ली : महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों के उपभोक्ता इस बात से खुश हो सकते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को टाटा पावर और अडाणी पावर जैसी बिजली कंपनियों को बिजली की कीमतें बढ़ाने से मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें क्षतिपूरक शुल्क (कॉम्पेंसेट्री टैरिफ) वसूलने का हक नहीं है. इस फैसले का लाभ उपर्युक्त उल्लेखित राज्यों को होगा.
गौरतलब है कि टाटा पावर की कोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड और अडाणी पावर ने केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) में याचिका दायर बताया था कि भारतीय रुपये के अवमूल्यन और इंडोनेशिया से आयात होने वाला कोयला महंगा होने की वजह से उनकी लागत बढ़ गई है. इसीलिए उन्हें ज्यादा शुल्क दर लागू करने की अनुमति दी जाए.
बता दें कि नियामक आयोग के फैसले और सीईआरसी के आदेश को जस्टिस पी सी घोष और जस्टिस आर एफ नरीमन की पीठ ने यह कहते हुए खारिज किया है कि कोयले की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि से कंपनियां अपने अनुबंध के अनुपालन से मुक्त नहीं हो सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि कंपनियों ने विद्युत वितरण के लिए बोली पेश करते समय जानबूझकर जोखिम लिया था, इसलिए वे अनुबंध की जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकतीं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार में अडाणी पावर और टाटा पावर के शेयर में करीब 16 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली.
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