नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फ्रांसीसी नागरिक पैट्रिक ब्रिलियंट तीन दिनों में आत्मसमर्पण करे. जस्टिस अशोक भूषण व एके सीकरी की पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट मामले में सुनवाई करके फैसला करे. उसके पास जो भी साक्ष्य मौजूद हैं, उन पर गौर करके जल्द निर्णय हो. पैट्रिक मुंबई स्थित एक अंतरराष्ट्रीय स्कूल का ट्रस्टी है. उस पर आरोप है कि तीन साल की बच्ची का उसने यौन उत्पीड़न किया था.
18 मई, 2017 को उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इसके छह माह बाद यानी सात नवंबर को उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने उसे 24 नवंबर को महज 17 दिनों बाद जमानत पर रिहा कर दिया. बॉम्बे हाई कोर्ट से संज्ञान में यह मामला आया तो दो अप्रैल को जमानत रद्द कर दी गई. पैट्रिक ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि आरोपी स्कूल परिसर में नहीं जाएगा. अब इस आरोपी को तीन दिन के अंदर सरेंडर करना होगा. गौरतलब है कि देश में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओ को कम करने और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए देश और राज्य सरकारों के साथ कोर्ट भी सख्त कदम उठाने की वकालत कर रही है. देश के राज्यों में दुष्कर्म के अपराधियों को फांसी की सजा देने के प्रावधानों पर विचार किया जा रहा है.
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