सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआई ने 16 अगस्त को पुनर्विचार याचिका दायर की थी. बीसीसीआई की ओर से दाखिल याचिका में गुहार लगाई गई थी कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर फिर से विचार करे और मामले में सुनवाई के लिए 5 जजों की बेंच का गठन किया जाए. प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति एसए बोबडे की पीठ ने कहा, ‘‘हमने समीक्षा में पक्ष में दी गई दलीलों पर गौर किया. हमें 18 जुलाई 2016 के अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर कोई त्रुटि नजर नहीं आती है, इसलिए समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया जाता है.’’
इसे हाल में सर्वोच्च अदालत की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया. इस याचिका का क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार ने अपने सचिव आदित्य कुमार वर्मा के जरिए विरोध किया था. इस याचिका में पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लै को पर्यवेक्षक नियुक्त करने तथा लोढा समिति की सिफारिशों का उल्लंघन कर रहे बीसीसीआई के सभी पदाधिकारियों की बर्खास्तगी सहित समिति के सुझावों को लागू करने के लिए क्रिकेट बोर्ड को निर्देश की मांग की गई है.
लोढ़ा समिति की स्टेटस रिपोर्ट पर अगली सुनवाई गुरुवार को सुनिश्चित की गई है. बीसीसीआई को लोढ़ा समिति की सिफारिशें छह महीने में लागू करनी हैं. फैसले में कहा गया था कि अब बोर्ड में न तो मंत्री और न ही अधिकारी शामिल हो पाएंगे.