जीवन में हर इंसान धन कि कमी को दूर करना चाहता है, वह यही चाहता है कि उसका जीवन धन के अभाव में बिलकुल न गुजरे। इस अभाव को दूर करने के लिए वह रात दिन मेहनत भी करता है लेकिन उसकी ये मेहनत रंग नहीं लाती और उसका जीवन इसी अभाव से गुजरता रहता है। कभी-कभी तो ऐसी स्थिती भी आ जाती है, जब इंसान को कर्ज लेना पड़ता है। अगर आप भी कुछ इस प्रकार कि समस्या से परेशान हैं, तो यहां पर आज हम आपसे इसी समस्या के समाधान के बारे में चर्चा करने वाले हैं। दरअसल यहां पर हम धन के अभाव को खत्म करने के लिए श्रीयंत्र के इस्तेमाल कि बात कर रहे हैं, इसका उचित इस्तेमाल आपको इस अभाव से मुक्ति दिलाएगा।
1. श्रीयंत्र की सिद्धि भगवान शंकराचार्य ने की थी। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और ताकतवर यंत्र श्रीयंत्र ही है। इस यंत्र को धन का प्रतीक मानते हैं लेकिन श्रीयंत्र शक्ति और अपूर्व सिद्धि का प्रतीक है।
2. श्रीयंत्र के प्रयोग से संपन्नता समृद्धि और एकाग्रता की प्राप्ति होती है।
3. इस यंत्र के सही प्रयोग से गरीबी दूर की जा सकती है। श्रीयंत्र के प्रकार – समतल, उभरे हुए और पिरामिड की तरह। सभी तरह का श्रीयंत्र अलग तरीके से लाभकारी होता है।
4. श्रीयंत्र की आकृति दो प्रकार की होती है- उर्ध्वमुखी और अधोमुखी। उर्ध्वमुखी का अर्थ है ऊपर की ओर और अधोमुखी का अर्थ है नीचे की ओर। भगवान शंकराचार्य ने उर्ध्वमुखी प्रतीक को सबसे ज्यादा मान्यता दी है। यंत्र की स्थापना करने से पहले देख लें कि यंत्र बिल्कुल ठीक बना हो।
5. श्रीयंत्र का चित्र आप काम करने, पढ़ने और पूजा के स्थान पर लगा सकते हैं। जहां भी श्रीयंत्र की स्थापना करें, वहां सात्विकता रखें, नियमित मंत्र का जाप करें।
इन्हीं गलतियों की वजह से बना रहता है सदा पैसों का अभाव
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