संयुक्त राष्ट्र : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर 'चर्चा से ज्यादा कार्रवाई' की जरूरत पर बल देते हुए, पूरी दुनिया को प्रकृति के संकेतों से सबक लेते हुए हक़ीकत को स्वीकारने की बात कहकर, पूरी दुनिया को आईना दिखाया.
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक को संबोधित करते हुए सुषमा ने कहा, प्रकृति ने हार्वे के जरिए संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के नेताओं के इकट्ठा होने से पहले ही संसार को चेतावनी भेज दी है. मैक्सिको में भूकंप और डोमिनिका में समुद्री तूफान से सबक सीखना चाहिए कि इसके लिये बातचीत की बजाय गंभीर कार्रवाई करने की ज्यादा जरूरत है.
पेरिस समझौते से अमेरिका के हटने पर उसे निशाना बनाते हुए कहा कि भारत पेरिस समझौते के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री ने कहा कि जब मनुष्य का स्वभाव गलत दिशा में जा रहा हो, तो हमें इसमें बदलाव लाना चाहिए. जब हम प्रकृति को अपने लालच से कष्ट पहुंचाते हैं, तो कई बार वह विस्फोटक रूप धारण कर लेती है. इसलिए विकसित देशों के नेताओं से अपील करते हुए सुषमा ने कहा कि गरीबों को तकनीकी हस्तांतरण और हरित जलवायु वित्त पोषण के माध्यम से सहयोग किया जाना चाहिए.
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