नई दिल्ली : चुनाव आयोग के अनुसार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रीय देश भारत में पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या करीब 1900 है, जिनमें से 400 से ज़्यादा दलों ने तो कभी चुनाव ही नहीं लड़ा. इस पर चिंता जाहिर करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि संभव है कि इन दलों का इस्तेमाल काले धन को सफेद बनाने के लिए किया जा रहा हो. अब ऐसे दलों का नाम हटाने के लिए पंजीकरण रद्द करने की तैयारियां की जा रही है.
एक अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त नसीम ज़ैदी ने बताया कि दुनियाभर में सबसे ज़्यादा रजिस्टर्ड राजनैतिक दलों वाले देश में काले धन को छिपाने के लिए ऐसी पार्टियों के इस्तेमाल की आशंका को खत्म करने की खातिर चुनाव आयोग ने ऐसी पार्टियों का नाम अपनी सूची से काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. नसीम जैदी ने कहा इन पार्टियों के नाम सूची में से काट दिए जाने पर वे उस आयकर छूट पाने के अयोग्य हो जाएंगी, जो उन्हें राजनीतिक पार्टी होने के नाते मिलती है.
इस सन्दर्भ में केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन ने राज्य आयुक्तों को उनके पास रजिस्टर्ड उन सभी राजनीतिक पार्टियों की सूची भेजने को कहा है जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा है. इसके साथ ही इन पार्टियों द्वारा हासिल किए गए चंदे की जानकारी भी मांगी गई है. नसीम ज़ैदी ने कहा कि रजिस्टर्ड पार्टियों की इस तरह छंटाई का काम हर साल किया जाएगा.