आरबीआई ने नोटबंदी की सिफारिश सरकार से सलाह लेकर की

आरबीआई ने नोटबंदी की सिफारिश सरकार से सलाह लेकर की
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अब केंद्र सरकार ने जहाँ सात नवंबर तक भारतीय रिजर्व बैंक को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने की चेतावनी दी थी। वही इसके महज एक दिन बाद ही रिजर्व बैंक ने बोर्ड को नोट बंद करने की सिफारिश कर दी।

लेकिन कांग्रेस नेता एम. वीरप्पा मोइली की अगुआई वाली वित्त मंत्रालय की संसदीय समिति को दिये गए सात पेज के नोट में आरबीआई ने कहा कि सरकार ने सात नवंबर को नकली नोट, आतंकी फंडिंग और काले धन की समस्या खत्म करने को सलाह दी । और यह भी कहा गया था कि इस तिहरी की समस्या के समाधान के लिए रिजर्व बैंक का केंद्रीय बोर्ड उच्च मूल्य वर्ग के नोट रद करने पर विचार कर सकता है।वही कुछ मंत्रियों ने यह भी कहा था कि सरकार ने सिर्फ आरबीआई के सिफारिश पर नोटबंदी का फैसला किया।

नोटबंदी बेहतर विकल्प- इससे आंतकी गतिविधियों की फंडिंग भी हो रही है। सरकार और आरबीआई ने महसूस किया कि नई सीरीज के नोट लाने से ये तीनों समस्याएं दूर होना काफी मुश्किल है। इस वजह से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट रद करने का विकल्प बेहतर माना गया।

नई सीरीज के नोटों की थी तैयारी- आरबीआई ने नोट में कहा कि वह पिछले कुछ महीनों से नकली नोटों की समस्या दूर करने को कुछ नये सिक्योरिटी फीचर्स वाले नई सीरीज के नोट लाने पर काम कर रहा था। साथ ही साथ सरकार अतिरिक्त काले धन और आतंकी फंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए दूसरे उपाय कर रही थी।

नोटबंदी पहले तय नहीं थी- नोट में कहा गया कि शुरुआत में यह तय नहीं हुआ था कि नोटबंदी की जाए या नहीं, नई सीरीज के नोट लाने की तैयारियां भी चलती रही। ताकि आवश्यकता पड़ने पर इस विकल्प का इस्तेमाल किया जा सके।

बड़े नोट लाने पर भी विचार- रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने दो साल पहले सात अक्टूबर 2014 को सरकार को सलाह दी थी कि 5000 और 10000 रुपये के भी नोट जारी किये जाएं ताकि महंगाई बढ़ने के साथ भुगतान करना आसान हो और करेंसी प्रबंधन सरल हो। इसके लिए सरकार ने सात जून 2016 को अंतिम मंजूरी दे दी थी । इसके बाद प्रिंटिंग प्रेसों को नई सीरीज के नोट छापने का काम शुरू करने का निर्देश दिया गया।

अंततः नोटबंदी पर लगी मुहर- आरबीआई ने कहा कि चूंकि नई डिजाइन या नए मूल्य वर्ग के नोट आम लोगों के बीच आकर्षक होंगे, इसलिए 2000 रुपये के नोट बड़ी संख्या में छापने के बाद पूरे देश में एक साथ जारी किये जाएं। और ऑडिट के जरिये उसे पकड़ना मुश्किल होता है, इसलिए पुराने नोट बंद करने पर विचार किया जाए।

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