तसलीमुद्दीन के निधन से राजद को पंहुचा गहरा आघात

तसलीमुद्दीन के निधन से राजद को पंहुचा गहरा आघात
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बिहार : राजद पार्टी के सांसद तसलीमुद्दीन का रविवार को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया. तसलीमुद्दीन अररिया से राजद संसद थे और वे लम्बे समय से बीमार चल रहे थे. उनके निधन की सूचना मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ गयी. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नितीश कुमार सहित अनेक नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट किया. अररिया के जोकीहाट में मंगलवार को तसलीमुद्दीन का अंतिम संस्कार ससम्मान किया जायेगा.

मिली जानकारी के अनुसार तसलीमुद्दीन सरकारी आश्वासन समिति के कार्य के चलते चेन्नई के टूर पर गए थे, जहाँ अचानक उनकी तबियत ख़राब हो गयी. उन्हें चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी और खांसी के साथ ब्लड आने की शिकायत थी. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी. रविवार को दोपहर में उन्होंने अपोलो हॉस्पिटल में अपनी अंतिम सांस ली. उनके निधन की सूचना मिलते ही राजद पार्टी को गहरा आघात लगा है.

सोमवार को कार्गो विमान के जरिये तसलीमुद्दीन के पार्थिव शरीर को बिहार लाया जायेगा. यह विमान चेन्नई विमानतल से सुबह 10:20 बजे उड़ान भरेगा और दोपहर 2 बजे बागडोगरा पहुंचेगा. इसके बाद उनके शव को सड़क मार्ग से किशनगंज और पूर्णिया होते हुए उनके निवास अररिया लाया जायेगा. इसके बाद उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी और मंगलवार दोपहर 2 बजे ससम्मान अररिया के जोकीहाट में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा.

नितीश कुमार ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि तसलीमुद्दीन एक प्रख्‍यात राजनेता एवं प्रसिद्ध समाज सेवी थे. उनके जाने से केवल राजनीति में नहीं, अपितु सामाजिक क्षेत्र में भी अपूरणीय क्षति हुई है। राजद के नेता वीरेंद्र भाई ने कहा कि 'उनके निधन से हम सभी को गहरा दुःख पंहुचा है. उनकी मौत से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने हमेशा गलत के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की है और सीमांचल में उनकी काफी पकड़ थी।'

तसलीमुद्दीन का सफर - 

1954 में छात्र राजनीति में रखा था शुरुआत
1959 में पैतृक गांव सिसौना के सरपंच चुने गए
1969 में वे पहली बार जोकीहाट से कांग्रेस पार्टी से विधायक बने।
1972 में जोकीहाट से निर्दलीय विधयक बने।
1977 में जोकीहाट से जनता पार्टी के विधायक बने।
1980 में जनता पार्टी के टिकट पर अररिया के विधायक बने।
1985 में भी जनता पार्टी से विधायक बने। 
1989 में जनता दल से पूर्णिया से सांसद बने।
1995 में सपा से जोकीहाट के विधायक बने।
1996 में जनता दल के टिकट पर किशनगंज से सांसद बने।
1996 में किशनगंज से सांसद चुने जाने के बाद देवगौड़ा सरकार में मंत्री बने। 
1998 में राजद के टिकट पर किशनगंज के सांसद बने।
1999 में ये किशनगंज में शहनवाज़ हुसैन से हार गए।
2004 में पुनः किशनगंज से राजद के टिकट पर सांसद बने।
2014 में अररिया से राजद के सांसद बने।

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