नई दिल्ली: भारत में टाटा संस जल्द ही लो कॉस्ट एयरलाइन कंपनी एयर एशिया में अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी को खत्म करने की सोच रहा है। बता दें कि कंपनी इसके साथ ही जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रहा है। टाटा संस जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीद कर उसे विस्तारा एयरलाइंस में विलय कर सकता है। वहीं इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक टाटा संस जेट एयरवेज के अलावा केवल विस्तारा एयरलाइंस में हिस्सेदारी रखने के मूड में है। इसके लिए कंपनी ने बातचीत शुरू कर दी है।
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बता दें कि अगर टाटा एयर एशिया से बाहर होता है तो फिर कंपनी को अपना बोरिया बिस्तर समेटना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोनी फर्नांडिस और अन्य अधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो वित्तीय गड़बड़ी की जांच कर रहा है। एयर एशिया भारत में काफी धीमी गति से आगे बढ़ रही है, जिसकी वजह से उसका घाटा बढ़ता जा रहा है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का घाटा 61.8 करोड़ रुपये के पार चला गया है। एयर एशिया का मार्केट शेयर केवल 4.4 फीसदी है।
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गौरतलब है कि टाटा जेट एयरवेज को खरीदने के बाद इसे विस्तारा में विलय कर सकता है। जेट एयरवेज काफी लंबे समय से घाटे से जूझ रही है। वहीं ब्लूमबर्ग क्विंट और इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार केंद्र सरकार ने जेट एयरवेज को डूबने से बचाने के लिए टाटा संस को इसे खरीदने के लिए कहा है। पिछले तीन माह से इस निजी एयरलाइन कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। इसका शेयर दो जुलाई से 19 अगस्त के बीच 12 प्रतिशत टूट चुका था।
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