लाहौर : ''मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, पाकिस्तान में वही होता है जो मंजूरे सरगना होता है.'' मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने तमाम विरोधो के बावजूद राजनीतिक दल के रूप में मान्यता के लिए दरख्वास्त देने के बाद सईद ने मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) नाम से पार्टी बनाकर उसका पहला दफ्तर लाहौर में खोल दिया है. सरकार को ठेंगा दिखाते हुए सईद ने कहा है कि उसका अपना संगठन जमात-उद-दावा सन 2018 के आम चुनाव में मिल्ली मुस्लिम लीग के बैनर तले चुनाव लड़ेगा.
हाफिज सईद यह कोशिश पाकिस्तान सरकार के विरोध के बावजूद कर रहा है. कभी सईद का आंख मूंदकर समर्थन करने वाली पाकिस्तान सरकार अब मान रही है कि उसका चरमपंथी संगठन राजनीति में जिहादी और हिंसक तत्वों को लाना चाहता है. सरकार यह भी मान रही है कि एमएमएल प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और जमात-उद-दावा का नया चेहरा होगा.
एमएमएल ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग के उस आदेश को भी चुनौती दी है, जिसमें उसकी रजिस्ट्रेशन की दरख्वास्त ठुकरा दी थी. सईद की रिहाई के फैसले को लेकर पाकिस्तान समूचे विश्व समुदाय का विरोध पहले ही झेल चूका है. ऐसे में सईद का पाकिस्तान में खुलेआम बेलगाम हो जाना पाकिस्तान के लिए आने वाले दिनों में मुश्किलें बढाने वाला है.
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