फुटबाल टीम के 12 खिलाड़ी और उनके कोच 13 दिनों से थाईलैंड में एक गुफा में फ़स गए है. इनमे एक है एडुल सैम ऑन्स जो म्यांमार में जन्मे और थाईलैंड में एक ईसाई टीचर के यहाँ पले बड़े . 12 बच्चों में सिर्फ एडुल ही ऐसे है जिन्हे अंग्रेजी आती है. विनम्र स्वभाव के एडुल हर दिल अजीज है .23 जून से लापता 12 बच्चों का पता ९ दिन बाद सेना ने लगाया और 25 जून से बचाव कार्य शुरू हुआ. 14 साल के दुबले-पतले एडुल ने एक वीडियो में कहा "मैं एडुल हूं, मेरी तबीयत अभी ठीक है".
बैन पा मोएड स्कूल में एडुल के इंस्ट्रक्टर फनी तिआप्रोम ने सामाचार एजेंसी एएफपी से कहा, ''उसका व्यवहार काफी काफी अच्छा है. वो हर टीचर का आदर करता है.'' अंग्रेजी जानने के चलते एडुल की उनके देश में काफी तारीफ होती है. यहां एक तिहाई से भी कम लोग अंग्रेजी बोलते हैं. ब्रिटिश गोताखोरों ने जब इन्हें गुफा में ढूंढा तो इन लोगों ने सिर्फ एडुल से बात की थी, क्योंकि सिर्फ उन्हें ही अंग्रेजी आती थी.. एडुल ने पूछा, ''आज दिन कौन सा है? 'हम भूखे हैं, क्या हम बाहर जा सकते हैं?'
सात साल की उम्र से ही स्कूल में रहते हुए एडुल अंग्रेजी के अलावा थाई, बर्मी और चीनी में भी पारंगत हो गए . एडुल को फुटबॉल खेलना,पियानो और गिटार बजाना पसंद है. स्कूल के निदेशक फुनाविट थेप्सुरिन ने कहा, " वो पढ़ाई और खेल दोनों में अच्छा है ... उसने स्कूल के लिए कई मेडल जीता है.''
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