आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर राज्यसभा में गुरुवार को तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सांसद सदन में धरना देकर बैठे रहे. अंतत: करीब साढ़े पांच घंटे बाद उन्हें मार्शलों के जरिये सदन से बाहर भेजा गया. धरने पर बैठने के दौरान कुछ पार्टी सांसदों की तबीयत भी बिगड़ गयी. इन सांसदों के समर्थन में तेदेपा के लोकसभा सदस्य भी संसद के केन्द्रीय कक्ष में धरने पर बैठे रहे. राज्यसभा में तेदेपा सदस्य वाई एस चौधरी ने बताया कि संसद में सरकार द्वारा एक के बाद एक विधेयक पारित करने का क्या अर्थ रह जाता है जबकि इन विधेयकों को लागू ही न किया जाये.
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय जो विधेयक संसद में पारित किया गया था, उस समय सरकार द्वारा दिये गये आश्वासनों को आज तक पूरा नहीं किया गया. चौधरी ने बताया कि उनकी पार्टी के धरना दे रहे सदस्यों को उच्च सदन से मार्शलों के जरिये बाहर करवाया. उन्होंने बताया कि धरने के दौरान तेदेपा सांसद टी सीताराम लक्ष्मी की तबीयत कुछ खराब हो गयी. चिकित्सकीय जांच में पाया गया कि उनका रक्तचाप और शुगर लेवल कुछ कम हो गया. लक्ष्मी को मार्शलों द्वारा व्हीलचेयर पर बैठाकर सदन से बाहर लाया गया.
राज्यसभा सदस्य सी एम रमेश ने बताया कि उच्च सदन की बैठक आज अपराह्न दो बजकर करीब 35 मिनट पर स्थगित होने के बाद से ही उनकी पार्टी के सदस्य सदन से बाहर नहीं गये. पार्टी सदस्य सदन में ही धरना देकर बैठ गये. उन्होंने बताया कि उपसभापति पी जे कुरियन बीच में पार्टी सांसदों से बात करने के लिए आए थे. रमेश ने बताया कि बीच में उनकी और पार्टी की अन्य सांसद टी सीताराम लक्ष्मी की तबीयत कुछ खराब हुई. सदन में ही की गयी चिकित्सकीय जांच में इन दोनों के रक्तचाप में कमी पायी गयी.
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