नई दिल्ली : परंपरा से हटकर फरवरी के अंतिम सप्ताह की बजाय एक महीने पहले केंद्रीय बजट पेश करने के पीछे मोदी जी ने चर्चा में कहा की इससे वास्तविक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा. मंगलवार को हुई नीति आयोग की बैठक में अर्थशास्त्रियों सहित अन्य विशेषज्ञों ने भी हिस्सा लिया. इस बैठक का विषय 'आर्थिक नीति आगे का रास्ता' रखा गया.
इस बैठक में मोदी ने अर्थशास्त्रियों से अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की साथ ही बैठक शामिल अन्य विशेषज्ञों अर्थव्यवस्था से जुड़े कई विषयों जैसे कृषि, कौशल विकास और रोजगार के अवसर, कर और शुल्क संबंधी विषय, गृह निर्माण, शिक्षा, डिजिटल तकनीक, पर्यटन, बैंक व्यवस्था, शासन व्यवस्था सुधार, डेटा संबंधी नीति और आर्थिक बढ़ोत्तरी के लिए आगे उठाए जाने वाले क़दमों पर चर्चा की.
चर्चा में भाग लेने आये अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का मोदी ने धन्यवाद भी किया और साथ ही उनसे अपील भी की कि वो कौशल विकास और पर्यटन के क्षेत्र में नई पहल करे. चर्चा में मोदी ने बजट चक्र को लेकर भी विस्तार से बात की उन्होंने कहा कि मौजूदा बजट कैलेंडर में बजट ख़र्च के लिए संसद की मंज़ूरी मानसून की शुरुआत के समय मिलती है. इससे मानसून के पहले के महीनों में सरकारी कार्यक्रमों में सुस्ती होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए बजट को पहले लाया जा रहा है ताकि नए बजट वर्ष की शुरुआत तक ख़र्च को मंज़ूरी मिल सके.