एक कमरें से लेकर 58967 शाखाओं तक का आरएसएस का सफर

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सुरेश भैय्याजी जोशी एक बार फिर से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सरकार्यवाह चुने गए हैं.  आरएसएस में सरसंघ चालक के बाद सरकार्यवाह का पद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद माना जाता है. भैय्याजी जोशी को अगले तीन साल (2018-2021) के लिए चुना गया है. बता दें कि यह चुनाव नागपुर के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में हुआ. आईये आज जानते हैं आरआरएस के बारे में और भी - सरकार्यवाह ही प्रशासनिक और संगठन के कामकाज पर नजर रखते है. सरसंघ चालक मनोनीत किये जाते हैं जबकि सरकार्यवाह का चुनाव होता है. सरकार्यवाह का कार्यकाल तीन साल का होता है.

बता दें कि डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी. बता दें कि जिस घर में डॉक्टर हेडगेवार का जन्म हुआ था, उसी घर में संघ ने भी 'जन्म' लिया. यह 160 साल पुराना घर आज संघ के लिए धरोहर है, क्योंकि इसी घर में संघ के संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म हुआ था और इसी घर में हेडगेवार ने संघ की शुरुआत की थी. इसी घर के नीचे वाले पहले तले में हेडगेवार जी का जन्म 1 अप्रैल 1889 हुआ था. यहीं वो रहते थे. 8 साल की उम्र में उन्होंने स्कूल में रानी विक्टोरिया के राज्य रोहन दिवस पर मिली मिठाई को फेंक दिया था.1910 में डॉक्टर हेडगेवार ने क्रांतिकार शिक्षा प्राप्त की थी.

1920 में नागपुर में कांग्रेस के अधिवेशन में कार्यकर्ताओं के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संचालन किया था. उसी के बाद उनके मन में एक ऐसे संगठन को रूप देने का विचार आया जो सिर्फ किसी खास मौकों पर नहीं बल्कि समाज और देश को संगठित करने का कार्य करे. बता दें कि वर्तमान में आरएसएस की 37190 स्थानों पर 58967 शाखाएं हैं. आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत है.

जानिए आरएसएस की चुनाव प्रणाली

भैया जी जोशी चौथी बार आरएसएस सरकार्यवाह चुने गए

 

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