नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र की जल्द ही शुरुआत हो सकती है. जानकारी के अनुसार शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से 5 जनवरी के बीच सरकार बुला सकती है. फिलहाल बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट की संसदीय मामलो की कमेटी की बैठक बुलाई गयी है. अनंत कुमार ने बैठक में जल्द से जल्द शीतकालीन सत्र बुलाने की बात कही.
नियम के अनुसार शीतकालीन सत्र की तारिख निर्धारित होने के 15 दिन बाद संसद की शीतकालीन सत्र की शुरुआत होती है. इस माह यानि कि नवम्बर में इस सत्र की शुरुआत न करने पर जन्मे राजनीतिक विवाद के मद्देनज़र यह बैठक की गयी है.
गौरतलब है कि इसी माह शीतकालीन सत्र को न बुलाये जाने पर मंगलवार के दिन कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी को आड़े हाथों लिया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र में स्थापित मोदी सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को 'संसार के रचयिता ब्रह्मा' बता दिया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा कि - "मोदी ब्रह्मा हैं... वह रचयिता हैं... सिर्फ वही जानते हैं कि संसद कब शुरू होगी..."
आगे मल्लिकार्जुन ने कहा कि - "उनका (नरेंद्र मोदी का) पहला काम (प्रधानमंत्री बनने के बाद) संसद के फर्श को छूना था, लेकिन अब वह कोई सम्मान नहीं दिखाते..."
आपको बता दें कि शीतकालीन सत्र की शुरुआत नवम्बर में होती है और 4 सप्ताह में यह सत्र खत्म हो जाता है. लेकिन इस बार गुजरात चुनाव के चलते यह सत्र आगे बढ़ाया जा सकता है. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि - 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में संसद का सामना करने के लिए साहस का अभाव है, तथा सरकार 'सारहीन' आधारों पर संसद सत्र को खत्म कर रही है.'
सोनिया गाँधी के इस तंज़ के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पलटवार करते हुए कहा कि - "सत्र को आगे बढ़ाने में कुछ भी अस्वाभाविक नहीं है. यही परम्परा रही है, और जब कोई चुनाव हो रहे होते हैं, संसद के सत्रों को पहले भी कई बार पुनर्निर्धारित किया गया है..."
संसद के शीतकालीन सत्र का फैसला सीसीपीए पर निर्भर