सड़को पर बढ़ती गाड़ियों से लगने वाले जाम से सिर्फ भारत ही परेशान नहीं है बल्कि दुनिया के और भी ऐसी देश है जो इस समस्या से जूझ रहे है. दुनिया के सबसे अमीर शहरों में से एक सिंगापुर भी पिछले कई सालों से इस परेशानी का सामना कर रहा है. हालांकि अब इस समस्या के समाधान के लिए सिंगापुर सरकार ने एक नई योजना लागू की है. आपको बता दें कि सिंगापुर में लोगों को गाड़ी खरीदने से पहले पात्रता प्रमाण पत्र यानी COE लेना होता है. जिसकी वैधता 10 साल की होती है. जिसमे COE का चार्ज कार की कीमत में ही जोड़ दिया जाता है.
लेकिन सरकार के नए नियम के मुताबिक, अब सिंगापुर में कार खरीदने वाले को लाइसेंस फीस के रूप में 80 हजार डॉलर यानि करीब 52 लाख रुपये अदा करने होंगे. जिसकी कीमत फिलहाल 24 लाख रुपये थी. सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला ये नया लाइसेंस भी दस साल के लिए मान्य होगा. सिंगापूर सरकार ने ये फैसला यातायात से जुडी दो बड़ी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए किया है.
सरकार का मकसद सड़कों पर लगने वाले जाम को कम करना और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना है.आपको बता दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर में 2016 के अंत तक छह लाख निजी कारें थीं.
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