पटना: बिहार में NDA के गठबंधन पर संकट मंडराता नज़र आ रहा है, क्योकि पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार सरकार और उनके सिपहसालार लगातार बीजेपी और NDA के खिलाफ होते नज़र आ रहे है. जिस पर शुक्रवार को बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली अपनी ही गठबंधन सरकार को बीजेपी ने भी घेरा. पार्टी ने साम्प्रदायिक मामलों की जांच में पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और कहा कि निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है. बीजेपी का यह आक्रामक रूख नीतीश कुमार के उस बयान के बाद देखने को मिला है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार साम्प्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने को लेकर संकल्पित है और इससे छेड़छाड़ करने वाले जेल जाएंगे.
बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष देवेश ठाकुर ने कहा, 'कई जिलों में हिंसा के बाद जिस तरह से लोगों को फंसाया जा रहा है उससे हम चिंतित हैं. हमने इस मुद्दे को उठाने का फैसला लिया है. मेरी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल डीजीपी से मिलेगा और उन्हें इस बारे में मेमोरेंडम देगा.' हाल ही में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत भी शामिल हैं. उन पर भागलपुर में बिना अनुमति के रामनवमी पर रैली निकालकर हिंसा भड़काने का आरोप है.
अर्जित की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने समस्तीपुर जिले में नौ बीजेपी कार्यकर्ताओं और औरंगाबाद से कईयों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस कार्रवाई के अलावा हिंसा के चलते एक मस्जिद और मदरसे को हुए नुकसान की भरपाई के सरकार के फैसले से भी बीजेपी नेता खार खाए हुए हैं. सूत्रों का कहना है कि इसके चलते ही बीजेपी डीजीपी से शिकायत कर रही है. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत के खिलाफ ठोस कदम उठाये जाने के बीच बीजेपी के हस्तक्षेप पर नीतीश के करीबी और दिग्गज नेता के सी त्यागी ने NDA से अलग होने की धमकी दे डाली थी.
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