मुजफ्फरनगर: देश में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है। जानकारी के अनुसार बता दें कि यूपी के मुजफ्फरनगर के उकावली गांव में कर्ज में डूबे किसान की मौत के बाद अब किसान के शव पर सियासत शुरू हो गई। यहां बता दें कि बैंक द्वारा 8 लाख 58 हजार की फर्जी रिकवरी भेजने से परेशान होकर किसान ने जान दे दी। वहीं मृतक किसान के परिजनों के बीच आम किसान संगठन और किसान नेता किसान के शव पर अंतिम संस्कार को लेकर राजनीति कर रहे हैं।
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यहां बता दें कि अब मृतक किसान के परिजन व किसान नेताओं की मांग है कि जब तक बैंक मैनेजर, तहसीलदार और पटवारी पर मुकदमा दर्ज नहीं होगा तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। वहीं परिजनों को समझाने के लिए एडीएम अमित कुमार वहां पहुंचे लेकिन मृतक किसान के परिजन आरोपियों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़े हुए हैं।
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यहां बता दें कि ये मामला बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के गांव उकावली का है। जहां 56 साल के किसान नरेश त्यागी के पिता ओमदत्त त्यागी ने सन 1998 में सिसौली स्थित यूनियन बैंक से ट्रैक्टर पर लोन लिया था। जिस दौरान गढ़ी नोआबाद निवासी ओमकार पुत्र फूल सिंह ने भी बैंक से ट्रैक्टर पर लोन लिया था। जिसमें बैंक द्वारा फर्जी ढंग से नरेश त्यागी को गारंटर बनाया था और उस समय नरेश के नाम एक बीघा भी जमीन नहीं थी। वहीं बैंक ने फर्जी तरह से ही साठगांठ करते हुए मृतक नरेश को गारंटर बनाया था, लेकिन अब कई सालों बाद यूनियन बैंक द्वारा 8 लाख 58 हजार की रिकवरी नोटिस किसान की जमीन पर भेजा दिया। जिसमें तहसीलदार ने मृतक किसान की जमीन की फर्द पर 8 लाख 58 हजार लोन चढ़ा दिया, जिसको लेकर मृतक किसान परेशान चल रहा था और स्थानीय प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक मामले की शिकायत किसान ने की। लेकिन किसान को कोई भी आश्वासन प्रशासन से नहीं मिला है।
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