आज देश में क्राइम की घटनाएं आम बात हो गयी हैं. आय दिन चोरी डकैती, लूटपाट, मर्डर, रेप जैसी घटनाये होने लगी हैं. कानून व्यवस्था को पुख्ता करने के बाद भी ऐसी घटनाएं आम हो गयी हैं. इन सब घटनाओ के अलावा एक और जुर्म अपने पैर पसार रहा है वह है एसिड अटैक. जी हाँ जरा जरा सी मामूली बात पर अपराधी और मनचले लड़कियों को तेज़ाब का शिकार बना देते हैं
तेज़ाब से झुलसने के बाद किस तकलीफ से गुज़रना पड़ता है ये बात तेज़ाब फेकने वाले नहीं जानते हैं. तेज़ाब से जहा एक तरफ असहनीय पीड़ा होती है वहीँ ज़िन्दगी भी नर्क बन जाती है. ऐसी स्थिति में कई लोग तो ज़िन्दगी से समझौता कर लेते हैं पर कई लोग इस चुनोती को भी हँसकर सामना करते हैं. जीवन की इस चुनोती को अपनी इच्छाशक्ति से मात देने का बीड़ा उठाया है कुछ साहसी लड़कियों ने.
जी हाँ एसिड अटैक का शिकार हुई कुछ लड़कियों ने अपने जीवन को इस अत्याचार से नहीं हार और इसका डंटकर कर सामना किया. आगरा में ऐसी ही एक मिसाल देखने को मिलती है जो है 'शीरोज हैंगआउट', जी ये नाम है ज़िंदादिली का. आगरा के इस रेस्टोरंट में आपको एसिड अटैक का सामना कर चुकी लडकिया काम करती मिलेगी जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी की सबसे मुश्किल परिस्थियों से हार नहीं मानी बल्कि इसका डंटकर सामना भी किया. इस रेस्टोरेंट में खाना बनाने से लेकर परोसने तक सारा काम यही लड़कियां संभालती हैं और खुद की जीविका चलती है और मिसाल पेश करती हैं उन सभी को जो इस तरह के अटैक का शिकार बने हैं.
इस रेस्टोरंट को कानपुर के अलोक दीक्षित और आशीष शुक्ला ने शुरू किया. इन दोनों की जोड़ी ने जहाँ इन लड़कियों की ज़िन्दगी को नया आयाम दिया है वही स्टॉप एसिड अटैक अभियान को भी संचालित कर रही है. आपको इस रेस्टोरेंट में ख़ुशी के साथ साथ प्यार भी परोसा जाता है. इस रेस्टोरंट का दौरा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कर चुके हैं और इन लड़कियों के काम की सराहना भी की है.
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